कृतिदेव और मंगल फॉन्ट (टाइपिंग) में क्या अंतर है ?

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कृतिदेव और मंगल फॉन्ट में क्या अंतर है ? क्या कृतिदेव टाइपिंग वाले मंगल फॉन्ट टाइपिंग कर सकते हैं ? पूरी जानकारी यहां पर दी गई है ...


अगर आप कृतिदेव, देवलिस जैसे फॉन्ट पर हिन्दी टाइपिंग करते हैं और किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो जब से आपने यह सुना होगा कि आपके टाइपिंग, आशुलिपि स्किल टेस्ट में मंगल फॉन्ट आने वाला है तो आपके दिमाग में स्वत: ही यह प्रश्न उठा होगा कि आखिर मंगल फॉन्ट और कृतिदेव में क्या अंतर है ...?? चलिए इस पोस्ट में आपके इस प्रश्न का उत्तर दे ही देते हैं, वह भी बिल्कुल आसान से तरीके से।

WHAT IS MANGAL FONT & KRUTIDEV FONT ?
सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि मंगल और कृतिदेव क्या है। मंगल और कृतिदेव दोनों ही हिन्दी फॉन्ट हैं, जो हिन्दी टाइपिंग के लिए प्रयोग होते हैं। MANGAL एक यूनीकोड हिन्दी फॉन्ट है जबकि कृतिदेव, देवलिस LEGACY हिन्दी फॉन्ट है। 

DIFFERENCE BETWEEN KRTUIDEV AND MANGAL FONT
अब सवाल यह आता है कि जब दोनों ही हिन्दी फॉन्ट हैं और दोनों से ही हिन्दी टाइपिंग होती है तो इनमें अंतर क्या है। जैसा कि पहले बताया है कि KRUTIDEV, DEVLYS फॉन्ट LEGACY फॉन्ट हैं, यह अंग्रेजी कीबोर्ड पर ही हिन्दी के रेमिंग्टन कीबोर्ड की सुविधा प्रदान करते हैं। इन फॉन्ट में टाइप किया गया TEXT वास्तव में हिन्दी नहीं होता है केवल KRUTIDEV 010, DEVLYS 010 या जिस फॉन्ट में वह टाइप किया गया है, केवल उसी में हिन्दी में दिखता है। इनके अलावा अगर अन्य कोई फॉन्ट चुना जाए तो KRUTIDEV, DEVLYS फॉन्ट का मैटर अंग्रेजी में अजीब सा दिखता है।

जबकि मंगल, कोकिला, अपराजिता जैसे फॉन्ट में टाइप किया गया TEXT वास्तव में हिन्दी होता है जो कंप्यूटर, मोबाइल, इंटरनेट हर जगह हिन्दी में ही दिखता है। भले ही आपके कंप्यूटर, मोबाइल में वह फॉन्ट उपलब्ध न हो। पर आपका TEXT हिन्दी से अंग्रेजी में नहीं बदलेगा।

DIFFERENCE : KRUTIDEV AND MANGAL TYPING
फॉन्ट का अंतर तो क्लीयर हुआ, सवाल आता है कि कृतिदेव और मंगल फॉन्ट की टाइपिंग में क्या अंतर है। चलिए बताते हैं, विस्तार से।

पहला अंतर — कृतिदेव फॉन्ट, देवलिस फॉन्ट पर टाइपिंग के लिए हमें केवल एक ही कीबोर्ड मिलता है, जो हिन्दी टाइपराइटर पर प्रयोग होने वाला रेमिंग्टन कीबोर्ड होता है। हालांकि कृतिदेव, देवलिस फॉन्ट पर इसके दो—तीन बटन बदल दिए गए हैं। परंतु मूल बात यही है कि कृतिदेव टाइपिंग के लिए हमारे पास केवल एक ही कीबोर्ड होता है, जिस पर टाइपिंग करने के लिए हमें टाइपिंग सीखना या टाइपिंग आना जरूरी होता है।

जबकि मंगल फॉन्ट टाइपिंग के लिए 09 कीबोर्ड और वॉइस इनपुट की व्यवस्था भी की गई है। हां यह जरूर है कि इनमें से टाइपिंग टेस्ट आदि के लिए केवल 03 कीबोर्ड का ही प्रयोग किया जाता है — INSCRIPT, REMINGTON GAIL और REMINGTON CBI कीबोर्ड। इस प्रकार मंगल फॉन्ट टाइपिंग कृतिदेव टाइपिंग की तुलना में अधिक इनपुट विकल्प प्रदान करता है जिनके द्वारा हर कोई हिन्दी टाइप कर सकता है चाहे उसे टाइपिंग आती हो या वह नया हो।

दूसरा अंतर — कृतिदेव टा​इपिंग वास्तव में हिन्दी टाइपिंग नहीं होती है केवल कृतिदेव, देवलिस फॉन्ट पर ही उसका मैटर हिन्दी में दिखता है। अगर उसे ई—मेल, इंटरनेट या मोबाइल में देखा जाए या कंप्यूटर में कृतिदेव, दे​वलिस जैसे फॉन्ट न हों तो वह अजीब सा दिखेगा और आप उसे पढ़ नहीं सकेंगे।

जबकि मंगल फॉन्ट में टाइप किया गया मैटर पूर्णत: हिन्दी होता है जो आप चाहे कहीं पर भी जैसे— मोबाइल, इंटरनेट, मेल, कंप्यूटर में देखें, वह हिन्दी में ही दिखेगा। भले ही आपके कंप्यूटर में हिन्दी फॉन्ट हों या न हों।

तीसरा अंतर — कृतिदेव वाली हिन्दी टाइपिंग के लिए हमें किसी प्रकार के सॉफ्टवेयर की आवश्यकता नहीं होती है बस कृतिदेव या देवलिस फॉन्ट होना काफी है। लेकिन मंगल फॉन्ट टाइपिंग करने के लिए आपके कंप्यूटर, मोबाइल आदि में UNICODE INPUT METHOD (KEYBOARD, VOICE INPUT) होना जरूरी होता है। बिना INPUT METHOD के आप मंगल फॉन्ट में टाइपिंग नहीं कर सकते हैं।

चौथा अंतर — कृतिदेव टाइपिंग वास्तविक हिन्दी टाइपिंग नहीं होती है इसलिए इसमें व्याकरण के नियम लागू नहीं होते। यदि आपके MS WORD में SPELLING & GRAMMAR का विकल्प बन्द नहीं है तो आपके प्रथम अक्षर स्वत: ही अ के स्थान पर ट, क के स्थान पर क् बन जाते हैं। इसके अलावा अगर आपको कोई मिश्रित वर्ण इसमें बनाना है तो आपको शॉर्टकट कीज की जरूरत होती है जैसे — आधा फ, ट्र का र, ह्म आदि।

जबकि मंगल फॉन्ट टाइपिंग पूर्णत: हिन्दी व्याकरण पर आधारित होती है, इसलिए आप इसमें मिश्रित वर्ण बनाने के लिए हलंत का प्रयोग कर सकते हैं जैसे— ह्म बनाने के लिए ह के बाद हलंत लगाकर म दबाना है। राष्ट्र का ट्र बनाने के लिए ट के बाद ्र दबाना है। अधिकांशत: सामान्य और मिश्रिण वर्ण बनाने के लिए आपको शॉर्टकट कीज की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
यह भी पढ़ें :-
  1. LEGACY फॉन्ट क्या हैं, इनमें किस प्रकार से टाइपिंग होती है ?
  2. यूनीकोड फॉन्ट क्या हैं, इनमें किस प्रकार से टाइपिंग होती है ?
  3. मंगल फॉन्ट के लिए उपयोगी शॉर्टकट कीज कहां मिलेंगीं ?
  4. आखिर क्यों मांगते हैं मंगल फॉन्ट टाइपिंग ?
  5. टाइपिंग टेस्ट में कितने कीबोर्ड लेआउट मिलते हैं ?
यह तो थी कृतिदेव और मंगल फॉन्ट टाइपिंग में अंतर की जानकारी। उपरोक्त जानकारी से आप यह तो समझ ही गए होंगे कि मंगल फॉन्ट में टाइपिंग के लिए तीन कीबोर्ड का प्रयोग विभिन्न परीक्षाओं में किया जाता है जबकि कृतिदेव टाइपिंग में केवल एक ही कीबोर्ड रहता है। तो अब मुख्य प्रश्न यह उठता है कि मंगल फॉन्ट के वे तीनों कीबोर्ड लेआउट, कृतिदेव लेआउट से किस प्रकार भिन्न होते हैं।

चूंकि यह पोस्ट ज्यादा लंबी हो चुकी है इसलिए इस पोस्ट में मंगल फॉन्ट के तीनों कीबोर्ड को कृतिदेव लेआउट के साथ कम्पेयर नहीं किया जा रहा है, उनके कम्पेयर की लिंक दी जा रही है जो आपको अलग—अलग पोस्ट पर ले जाएगी।  वहां पर आपको विस्तार से जानकारी मिल जाएगी। आप अपने पसंद के हिसाब से प्रश्न चुनिए और अंतर जान लीजिए।

1- KRUTIDEV LAYOUT VS INSCRIPT LAYOUT

2- KRUTIDEV LAYOUT VS REMINGTON GAIL

3- KRUTIDEV LAYOUT VS REMINGTON CBI

हालांकि कृतिदेव, देवलिस फॉन्ट का लेआउट रेमिंग्टन ही होता है परंतु आपको समझने में आसानी हो इसलिए हमने यहां पर इसे कृतिदेव लेआउट नाम से संबोधित किया है। उम्मीद है आपको यह तीनों प्रश्न और उनमें दी गई जानकारी अवश्य पसंद आएगी।

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8 Responses to "कृतिदेव और मंगल फॉन्ट (टाइपिंग) में क्या अंतर है ?"

  1. Sir jese agar hm hindi typing krutidev font pr krte h
    Or jese cpct test done hate to vha pr Remington mangal font pr krvayenge to Kya hmse ban jayega na please sir btaiye na

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    1. Nahii banega dono me antar hai speed low ho jayegi magal font pr karo

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  2. Sir krutidev aata h mujhe upsssc ke exam me problem to nahi hogi ??

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  3. Inscript ke-board ka kya hota hai

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