VOIC INPUT क्या है, इसे कैसे उपयोग करेंगे ?

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VOICE INPUT METHOD क्या है, कैसे काम करता है और इसका उपयोग करके कैसे हिन्दी में टाइप किया जाता है ? जानिए पूरी प्रक्रिया आसान शब्दों में ...


VOICE INPUT जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है आवाज से इनपुट करना। कंप्यूटर में TEXT इनपुट करने की यह सबसे आधुनिक तकनीक है। इसमें किसी कीबोर्ड की आवश्यकता नहीं होती है। जो बोला जाता है सीधे ही वह TEXT में कनवर्ट होता जाता है और वह भी यूनीकोड TEXT में।

इस तकनीक का उपयोग करने के लिए आपको SPEECH TO TEXT सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होगी। इंटरनेट पर बहुत से फ्री एवं प्रीमियम SPEECH TO TEXT सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं जिन्हें आप अपनी सुविधानुसार उपयोग कर सकते हैं। GOGLE VOICE INPUT एक फ्री सॉफ्टवेयर है, जो पूर्णत: फ्री है। आप चाहें तो इसे आजमा सकते हैं।

इस तकनीक का उपयोग उन लोगों के द्वारा किया जाता है जिनको टाइपिंग नहीं आती है या जो टाइपिंग सीखे बिना ही कभी भी, कहीं भी तेज गति के साथ हिन्दी टाइपिंग करना चाहते हैं। क्योंकि यह आपकी VOICE को सीधे ही TEXT में बदल देती है। आपको इसके लिए किसी प्रकार के कीबोर्ड या टाइपिंग ज्ञान की आवश्यकता नहीं है। बस जो चाहे बोलिए और आपकी आवाज टाइप होती जाएगी। हालांकि यह तकनीक हर एंड्रायड मोबाइल में उपलब्ध है परंतु लोग इससे परिचित नहीं हैं और ज्यादातर लोग ट्रांसलिटरेशन (PHONETIC) कीबोर्ड का ही प्रयोग करते हैं।

♦  ट्रांसलिटरेशन कीबोर्ड क्या है, कैसे काम करता है ?

अगर इसके फायदे की बात करें तो यह उपयोग करने में बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको किसी प्रकार की व्यवस्था जैसे बैठक, कीबोर्ड, पर्याप्त जगह, टाइपिंग ज्ञान आदि की आवश्यकता नहीं है। बस ठीक से बोलना आना चाहिए। फिर आप जिस भी भाषा में चाहे उसमें टाइपिंग कर सकते हैं। दूसरी अच्छी बात यह है कि यह आपके बोलने की गति से टाइप करता है यानि अगर आप 160 शब्द प्रति मिनट भी बोलते हैं तो यह तकनीक एक मिनट में उतने ही शब्द टाइप कर देगी।

ऐसा नहीं है कि इसमें कोई कमियां नहीं हैं। दूसरी भाषाओं को छोड़कर हम हिन्दी की बात करते हैं। हिन्दी में अगर आप वॉइस टाइपिंग करते हैं तो आपकी आवाज एकदम स्पष्ट होनी चाहिए। अगर आपकी आवाज स्पष्ट नहीं है तो आपकी आवाज कुछ और होगी और परिणाम कुछ और ही निकलेगा। जिनकी आवाज स्पष्ट नहीं है उनके लिए यह ​जरा भी उपयोगी नहीं है। दूसरी कमी यह है कि हिन्दी में यह व्याकरण चिह्नों का प्रयोग नहीं करता है, हालांकि अंग्रेजी में यह सुविधा है कि आप बोलकर ही विराम चिह्न का प्रयोग कर सकते हैं। परंतु हिन्दी में विराम चिह्न जैसे पूर्ण विराम, अल्प विराम, प्रश्नवाचक आदि का प्रयोग मैनुअली करना होता है।

तो यह थी इसकी विशेषताएं और कमियों की जानकारी। अगर आपको टाइपिंग नहीं आती है, और आप अपने मोबाइल में या कंप्यूटर में फोनेटिक/ट्रां​सलिटरेशन कीबोर्ड का प्रयोग करके हिन्दी टाइपिंग करते हैं तो आप एक बार इस तकनीक का प्रयोग कर सकते हैं। मुझे यकीन है कि आपको ट्रांसलिटरेशन से अधिक VOICE TO TEXT तकनीक पसंद आएगी।

अगर आप एक टाइपिस्ट हैं तब तो कोई बात नहीं है क्योंकि आप रेमिंग्टन या इंस्क्रिप्ट जैसे कीबोर्ड के द्वारा हिन्दी यूनीकोड टाइपिंग कर सकते हैं। लेकिन अगर आप टाइपिंग नहीं जानते हैं या फिर आपकी आवाज अच्छी है, बोलने का अच्छा अनुभव है तो आप फिंगर्स के बजाय इस तकनीक का प्रयोग करके आसानी से हिन्दी में चैटिंग, सोशल मीडिया, ब्लॉगिंग कर सकते हैं।

♦  रेमिंग्टन कीबोर्ड क्या है, कैसे करें इस पर यूनीकोड टाइपिंग ?

यह जानकारी आपको कैसी लगी, हमें कमेंट्स के माध्यम से अवश्य बताइए। अगर आपको इस तकनीक का प्रयोग करने में कोई समस्या आ रही है तो भी आप हमें बता सकते हैं। हम आपकी समस्या का समाधान उपलब्ध कराएंगे।

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